Tuesday, September 9, 2025

सोशल मीडिया बैन के खिलाफ नेपाल में जेन-Z क्रांति





  •  सुलगा नेपाल, हिंसा में 25 मरे
  •  हज़ारों युवा संसद परिसर में घुसे
  • आगजनी-तोड़फोड़, पुलिस ने चलाई गोलियां
  • डिजिटल स्पेस से सड़कों पर उतरा 13-28 साल के युवाओं का विरोध
  • देर रात झुकी सरकार, सोशल मीडिया साइट्स से बैन हटाया

काठमांडू. नेपाल में सोशल मीडिया बैन करने से उठी चिंगारी ने हिंसा का रूप ले लिया। सोमवार सुबह सड़कों पर उतरे हजारों की संख्या में युवाओं ने बैरिकेड्स तोड़कर संसद परिसर में दवा बोल दिया और संसद भवन की इमारत के पास आग लगाकर तोड़फोड़ कर डाली। पुलिस ने वाटर कैनन और आंसू गैस के गोले छोड़कर उग्र भीड़ आंदोलनकारियों को काबू करने का प्रयास किया। पुलिस व प्रदर्शनकारियों के बीच टकराव हिंसक हो गया जिससे 25 लोगों की मौत हो गई और 350 से अधिक घायल है। राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री आवास की सुरक्षा बढ़ा दी गई। काठमांडू में कर्फ्यू लगाकर सीमाएं सील कर दी गई और सैना को तैनात कर दी गई| बिना नेतृत्व के इन आंदोलन को 'जेन-Z प्रोटेस्ट' नाम दिया गया है, क्योंकि इसकी अगुवाई 13 से 28 वर्ष के युवा और छात्र कर रहे हैं। विरोध प्रदर्शन तब शुरू हुआ जब के पी शर्मा ओली सरकार ने पिछले सप्ताह 26 सोशल मीडिया प्लेटफार्म को बैन कर दिया।

सरकार का तर्क 

बिना रजिस्ट्रेशन ये प्लेटफॉर्म फेक आईडी , हेड स्पीच , उकसाने वाले कंटेंट , साइबर क्राइम और गलत सूचनाएं फैलाने के लिए इस्तेमाल हो रहे है।

आंदोलनकारी का मत 

आंदोलनकारियों ने सोशल मीडिया बैन को अभिव्यक्ति की आजादी पर हमला माना | लोगों का कहना है कि यह प्रतिबंध भ्रष्टाचार और राजशाही समर्थकों की प्रदर्शनों को दबाने का प्रयास है जो हाल के महीनों में बढ़े हैं |

                           टाइमलाइन 

3 सितंबर: स्थानीय कानून का पालन नहीं करने के कारण सरकार ने सभी सोशल मीडिया प्लेटफार्म को बैन किए।

4 सितंबर: युवाओं में आक्रोश। काठमांडू यूनिवर्सिटी में प्रदर्शन।

5 सितंबर: वीपीऐन से 'नेपाल प्रोटेस्ट और नेपोकिड ऑनलाइन ट्रेंड्स से छात्र जुड़े।

6 सितंबर: काठमांडू,पोखरा,नेपालगंज आदि शहरों में विरोध, पुलिस का लाठीचार्ज।

8 सितंबर: काठमांडू में संसद परिसर में घुसे प्रदर्शनकारी ।

 दिवाली से पहले शुरू होगी पहली वंदे भारत स्लीपर ट्रेन

दिल्ली-पटना इसी माह, फिर भोपाल व अहमदाबाद रूट पर



नई दिल्ली. देश में दिवाली से पहले ही पहली वंदे भारत स्लीपर ट्रेन चलाने की तैयारी है। रेलवे सूत्रों के अनुसार दिल्ली से पटना के रूट पर देश की पहली वंदे भारत स्लीपर ट्रेन सितंबर में ही शुरू की जाएगी। बाद में दिल्ली से भोपाल और अहमदाबाद के लिए सेवा शुरू होगी। दिल्ली से अहमदाबाद जाने वाली वंदे भारत का मार्ग अभी तय नहीं है लेकिन माना जा रहा है कि यह जयपुर होते हुए जा सकती है। यह वंदे भारत स्लीपर ट्रेन दिल्ली से करीब 1000 किमी दूरी पर बड़े शहरों के लिए शुरू करने की योजना है। माना जा रहा है कि पटना के लिए पहली वंदे भारत स्लीपर बिहार में विधानसभा चुनाव की घोषणा से पहले शुरू जाएगी जिसके लिए पीएम नरेंद्र मोदी के कार्यक्रम का इंतजार है।

देश में अभी 150 चेयरकार वंदेभारत ट्रेन दिन के शिड्यूल में चल रही है। रात के सफर का सुझाव व बेहतर बनाने के लिए अब स्लीपर वंदेभारत ट्रेन तैयार की गई है। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने पिछले दिनों संसद में कहा था कि चेन्नई की इंटीग्रल कोच फैक्ट्री में वंदे भारत स्लीपर के 10 सेट तैयार हो जाएंगे और केएफपी ने 50 अतिरिक्त वंदेभारत स्लीपर का उत्पादन भी शुरू कर दिया है।



ऐसे होगी समय की बचत

नई दिल्ली से पटना: 972 किमी, अन्य ट्रेनों में समय- 17 घंटे, वंदे भारत स्लीपर- 11 घंटे

नई दिल्ली से अहमदाबाद: (वाया जयपुर) 1000 किमी, अन्य ट्रेन-14 घंटे, वंदे भारत स्लीपर- 8 से 9 घंटे

नई दिल्ली से भोपाल: 790 किमी, अन्य ट्रेनों में समय 13 घंटे, वंदे भारत स्लीपर- 6-7 घंटे


                             यह खास बातें

  • अधिकतम रफ़्तार-180 किमी, परिचालन 160 किमी प्रति घंटा
  • किराया: राजधानी एक्सप्रेस से कुछ ज्यादा संभव
  • 16 यात्री कोच जिनमें 11 एसी 3 टियर कोच, 4 एसी 2 टियर और एक एसी प्रथम श्रेणी
  • विमान की तरह यूएसबी चार्जिंग
  • सुविधा, एकीकृत रीडिंग लाइट, आंतरिक डिस्प्ले पैनल, सार्वजनिक उद्घोषणा व दृश्य प्रणाली, सीसीटीवी, मॉड्यूलर पैंट्री, दिव्यांगों के लिए विशेष बर्थ व बायो-वेक्यूम शौचालय की सुविधा है।
  • प्रथम श्रेणी एसी कोच में गर्म पानी के साथ शॉवर की सुविधा





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